कुछ का कहना है कि मिल्खा सिंह भले ही शारीरिक रूप से मौजूद न हों, लेकिन उनके अस्तित्व को नकारना संभव नहीं है। 91 वर्षीय मिल्खा ने शुक्रवार रात अंतिम सांस ली। कुछ दिन पहले उसकी पत्नी का भी देहांत हो गया था। करोनाई ने रोकी 'फ्लाइंग सिख' की दौड़।
भारत के लिए एशियाई खेलों में कई स्वर्ण पदक विजेता धावकों के निधन पर खेल जगत शोक में है। सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट किया, 'शांति से रहो, उड़ते हुए सिख मिल्खा सिंह। आपकी मृत्यु ने प्रत्येक भारतीय के मन पर छाप छोड़ी। लेकिन आप आने वाली कई पीढ़ियों को प्रेरित करेंगे।' इंग्लैंड में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में खेलने के लिए तैयार यशप्रीत बुमरा ने लिखा, "एक नायक, एक प्रेरणा, अगली पीढ़ी उसके अस्तित्व को समझेगी।" मिल्खा सिंह ठीक हो जाएंगे।
वीवीएस लक्ष्मण, हरभजन सिंह, सुनील छेत्री, गुरप्रीत सिंह संधू और बीरेंद्र साहबराव ने भी शोक व्यक्त किया। नजफगढ़ के नवाब ने लिखा, "उनका नश्वर शरीर भले ही चला गया हो, मिल्खा नाम साहस के पर्याय के रूप में रहेगा।" पीटी उषा लिखती हैं, 'मेरी प्रेरणा को जाते हुए देखकर दुख हुआ। उनकी लगन और कड़ी मेहनत प्रेरणादायक है और लाखों लोगों को प्रेरित करेगी। मेरा स्कूल उन्हें श्रद्धांजलि देता है।'
0 Comments